सम्पूर्ण रामायण - युद्धकाण्ड (24) विभीषण का राज्याभिषेक

147 Part

148 times read

1 Liked

अपने समक्ष सीता को विनयपूर्वक नतमस्तक खड़ा देख रामचन्द्र जी बोले, भद्रे! रावण से तुम्हें मुक्त कर के मैंने स्वयं के ऊपर लगे कलंक को धो डाला है। शत्रुजनित अपमान और ...

Chapter

×